क्या आप जानते हैं कि हमारे शरीर का सबसे शक्तिशाली और जटिल अंग—हमारा मस्तिष्क—जब अचानक काम करना बंद कर दे तो क्या होता है? इसे ही ब्रेन स्ट्रोक कहते हैं, और यह एक ऐसी आपातकालीन स्थिति है जहाँ हर सेकंड मायने रखता है। आज हम एक बेहद गंभीर और जीवन रक्षक विषय पर बात करने जा रहे हैं: ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण, इसके शुरुआती संकेत क्या होते हैं, इसे कैसे पहचानें और इसका तुरंत उपचार क्यों ज़रूरी है।
ब्रेन स्ट्रोक, जिसे हिंदी में पक्षाघात या मस्तिष्क का दौरा भी कहा जाता है, तब होता है जब मस्तिष्क के एक हिस्से में रक्त की आपूर्ति बाधित हो जाती है। रक्त के बिना, मस्तिष्क की कोशिकाओं को ऑक्सीजन और पोषक तत्व नहीं मिल पाते हैं, और वे मिनटों के भीतर मरने लगती हैं। आप इसे ‘मस्तिष्क पर हमला’ मान सकते हैं।
इस स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, सबसे महत्वपूर्ण बात है इसके संकेतों को जल्दी पहचानना। स्ट्रोक के उपचार के लिए एक “गोल्डन आवर” होता है—आमतौर पर पहले 3 से 4.5 घंटे—जिसके दौरान यदि रोगी को सही उपचार मिल जाए, तो मस्तिष्क को होने वाले स्थायी नुकसान को कम किया जा सकता है, और जान बचाई जा सकती है। इसलिए, यह जानना कि ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण क्या हैं, केवल ज्ञान नहीं है; यह एक जीवन रक्षक कौशल है।
आइए, हम स्ट्रोक के प्रकारों को समझें, ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण पहचानें, और जानें कि इस आपात स्थिति में हमें क्या करना चाहिए।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण और प्रकार
ब्रेन स्ट्रोक मुख्य रूप से दो प्रकार का होता है, और दोनों के कारण और उपचार अलग-अलग होते हैं, लेकिन ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण अक्सर एक जैसे ही होते हैं:
1. इस्केमिक स्ट्रोक (Ischemic Stroke)
यह सबसे आम प्रकार का स्ट्रोक है (लगभग 87% मामले)। यह तब होता है जब मस्तिष्क को रक्त की आपूर्ति करने वाली रक्त वाहिका में रक्त का थक्का (Blood Clot) बन जाता है, जिससे रक्त प्रवाह अवरुद्ध हो जाता है। यह ठीक वैसा ही है जैसे किसी पाइप में रुकावट आ जाना।
2. हेमोरेजिक स्ट्रोक (Hemorrhagic Stroke)
यह तब होता है जब मस्तिष्क में कोई रक्त वाहिका फट जाती है, जिससे मस्तिष्क में रक्तस्राव होने लगता है। यह रक्त आसपास की मस्तिष्क कोशिकाओं पर दबाव डालता है और उन्हें नुकसान पहुँचाता है। यह आमतौर पर उच्च रक्तचाप या धमनी विरूपताओं (Aneurysms) के कारण होता है।
3. क्षणिक इस्केमिक अटैक (Transient Ischemic Attack – TIA)
इसे “मिनी-स्ट्रोक” भी कहते हैं। इसमें रक्त प्रवाह में रुकावट अस्थायी होती है, जिससे ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण 24 घंटे से कम समय (आमतौर पर कुछ मिनट) तक रहते हैं और फिर गायब हो जाते हैं। टीआईए को हल्के में नहीं लेना चाहिए; यह अक्सर चेतावनी का संकेत होता है कि भविष्य में बड़ा स्ट्रोक आ सकता है।
ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण: FAST का नियम (पहचानने का आसान तरीका)
स्ट्रोक के लक्षणों को तुरंत पहचानने के लिए दुनिया भर में “FAST” नामक एक सरल नियम का उपयोग किया जाता है। यह आपको कार्रवाई करने के लिए प्रेरित करता है, क्योंकि समय ही मस्तिष्क है:

- F (Face Drooping – चेहरे का लटकना): क्या व्यक्ति का चेहरा एक तरफ लटक गया है? उन्हें मुस्कुराने के लिए कहें। क्या मुस्कान एक तरफ झुकी हुई है? यह ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण का पहला संकेत हो सकता है।
- A (Arm Weakness – बांह में कमज़ोरी): क्या व्यक्ति एक हाथ को दूसरे हाथ की तरह ऊपर उठा सकता है? उन्हें दोनों बांहें ऊपर उठाने के लिए कहें। क्या एक बांह नीचे की ओर लुढ़क जाती है या नीचे गिर जाती है?
- S (Speech Difficulty – बोलने में कठिनाई): क्या व्यक्ति की बोली लड़खड़ा रही है, अस्पष्ट है, या क्या उन्हें कुछ समझने या कहने में कठिनाई हो रही है? उन्हें एक साधारण वाक्य दोहराने के लिए कहें।
- T (Time to Call – तुरंत कॉल करें): यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखाई देता है, तो तुरंत आपातकालीन चिकित्सा सेवा को कॉल करें।
ये मुख्य ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण हैं जो सबसे ज़्यादा देखे जाते हैं।
अन्य महत्वपूर्ण ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण:
- अचानक और गंभीर सिरदर्द: यदि यह बिना किसी ज्ञात कारण के अचानक, तेज़ और गंभीर सिरदर्द हो, खासकर हेमोरेजिक स्ट्रोक में।
- संतुलन या समन्वय में कमी: अचानक चक्कर आना, लड़खड़ाहट, या संतुलन खोना, खासकर अगर यह अन्य लक्षणों के साथ हो।
- दृष्टि में अचानक बदलाव: एक या दोनों आँखों में धुंधलापन, दोहरी दृष्टि, या अचानक दृष्टि खो जाना।
- अचानक भ्रम: किसी को समझने या जवाब देने में कठिनाई।
यदि आप खुद में या किसी और में ये ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण देखते हैं, तो तुरंत प्रतिक्रिया करें।
ब्रेन स्ट्रोक के कारण और जोखिम कारक
यह जानना कि ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण क्यों होते हैं, हमें रोकथाम पर ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। स्ट्रोक के अधिकांश कारण वे ही हैं जो हृदय रोग के लिए ज़िम्मेदार हैं।
प्रमुख जोखिम कारक (जिन पर नियंत्रण किया जा सकता है):
- उच्च रक्तचाप (High Blood Pressure): यह स्ट्रोक का सबसे बड़ा जोखिम कारक है। अनियंत्रित उच्च रक्तचाप रक्त वाहिकाओं को कमजोर करता है और हेमोरेजिक स्ट्रोक का कारण बन सकता है।
- मधुमेह (Diabetes): उच्च रक्त शर्करा समय के साथ रक्त वाहिकाओं को नुकसान पहुँचाती है, जिससे थक्के बनने की संभावना बढ़ जाती है।
- उच्च कोलेस्ट्रॉल: धमनी की दीवारों पर प्लाक के निर्माण में योगदान देता है (एथेरोस्क्लेरोसिस)।
- धूम्रपान: यह रक्त को गाढ़ा करता है, थक्के बनने की संभावना बढ़ाता है, और धमनियों को सख्त करता है। धूम्रपान स्ट्रोक के जोखिम को दोगुना कर देता है।
- शारीरिक निष्क्रियता और मोटापा: ये दोनों कारक उच्च रक्तचाप, मधुमेह और उच्च कोलेस्ट्रॉल के जोखिम को बढ़ाते हैं।
- अतालता (Atrial Fibrillation – AFib): हृदय की एक अनियमित धड़कन की स्थिति, जो हृदय में रक्त के थक्के बनने का कारण बन सकती है। ये थक्के मस्तिष्क तक पहुँचकर स्ट्रोक कर सकते हैं।
अपरिवर्तनीय जोखिम कारक:
- उम्र (65 वर्ष से अधिक उम्र में जोखिम बढ़ता है)
- पारिवारिक इतिहास
- लिंग (पुरुषों में थोड़ा अधिक जोखिम)
स्ट्रोक का उपचार: समय कीमती है
एक बार जब आप ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण पहचान लेते हैं और आपातकालीन सेवाओं को कॉल कर देते हैं, तो अस्पताल में क्या होता है, यह जानना महत्वपूर्ण है। स्ट्रोक का उपचार उसके प्रकार पर निर्भर करता है:
इस्केमिक स्ट्रोक का उपचार (रुकावट):
- थक्का-घोलने वाली दवाएँ (Thrombolytics – tPA): ये दवाएँ, जैसे टिश्यू प्लास्मिनोजन एक्टिवेटर (tPA), रक्त के थक्के को घोल सकती हैं और रक्त प्रवाह को बहाल कर सकती हैं। ये स्ट्रोक शुरू होने के बाद 4.5 घंटे की “गोल्डन विंडो” के भीतर दी जानी चाहिए।
- एंडोवास्कुलर प्रक्रियाएँ (Endovascular Procedures): गंभीर मामलों में, डॉक्टर रक्त वाहिकाओं में कैथेटर डालकर सीधे थक्के को हटा सकते हैं (मैकेनिकल थ्रोम्बेक्टोमी)। यह प्रक्रिया कुछ मामलों में स्ट्रोक शुरू होने के 24 घंटे बाद तक भी की जा सकती है।
हेमोरेजिक स्ट्रोक का उपचार (रक्तस्राव):
इसका उपचार थक्का-घोलने वाली दवाओं के विपरीत होता है, क्योंकि रक्तस्राव को रोकने की आवश्यकता होती है।
- रक्तचाप नियंत्रण: रक्तस्राव को कम करने के लिए रक्तचाप को नियंत्रित करने वाली दवाएँ दी जाती हैं।
- सर्जरी: यदि रक्तस्राव बहुत बड़ा हो या मस्तिष्क पर अत्यधिक दबाव डाल रहा हो, तो सर्जन क्षतिग्रस्त रक्त वाहिका को ठीक करने या दबाव को कम करने के लिए सर्जरी कर सकते हैं।
यह जानना कि ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण और त्वरित उपचार क्यों आवश्यक है, जानलेवा परिणामों को रोकता है।
रोकथाम: ब्रेन स्ट्रोक से कैसे बचें
स्ट्रोक के अधिकांश मामले रोके जा सकते हैं। ब्रेन स्ट्रोक से कैसे बचें इसके लिए यहाँ सबसे प्रभावी रणनीतियाँ दी गई हैं:
- रक्तचाप नियंत्रित करें: अपने रक्तचाप की नियमित रूप से जाँच करें। आहार, व्यायाम और यदि आवश्यक हो तो दवा के माध्यम से इसे सामान्य सीमा (आमतौर पर 120/80 mmHg से नीचे) में बनाए रखें।
- धूम्रपान और तंबाकू को छोड़ें: यह सबसे महत्वपूर्ण बदलाव है जो आप कर सकते हैं।
- स्वस्थ आहार लें: कम नमक, कम संतृप्त वसा और ट्रांस फैट वाला आहार लें। खूब फल, सब्जियां और साबुत अनाज खाएं। डैश (DASH) आहार स्ट्रोक की रोकथाम के लिए विशेष रूप से अनुशंसित है।
- नियमित व्यायाम: रोज़ाना कम से कम 30 मिनट की मध्यम-तीव्रता वाली शारीरिक गतिविधि करें।
- मधुमेह और कोलेस्ट्रॉल का प्रबंधन करें: यदि आपको मधुमेह है, तो अपने रक्त शर्करा को नियंत्रित रखें। उच्च कोलेस्ट्रॉल के लिए डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएँ लें।
- शराब का सेवन सीमित करें: अत्यधिक शराब का सेवन रक्तचाप और स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ाता है।
नियमित स्वास्थ्य जाँच और जोखिम कारकों का प्रबंधन ही आपको ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण की चिंता से दूर रखने का सबसे अच्छा तरीका है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
क्या सिरदर्द हमेशा स्ट्रोक का संकेत होता है?
नहीं, अधिकांश सिरदर्द स्ट्रोक का संकेत नहीं होते हैं, लेकिन यदि आपको अचानक, अब तक का सबसे तेज़ सिरदर्द होता है, खासकर जब इसके साथ चेहरे का लटकना या बांह में कमज़ोरी जैसे अन्य ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण हों, तो यह एक आपातकालीन स्थिति हो सकती है।
मिनी-स्ट्रोक (TIA) आने के बाद मुझे क्या करना चाहिए?
मिनी-स्ट्रोक (TIA) को चेतावनी के रूप में लें; यदि आपको TIA के लक्षण महसूस हुए हैं, तो भले ही वे गायब हो गए हों, आपको तुरंत डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि TIA के बाद बड़ा स्ट्रोक आने का जोखिम बहुत अधिक होता है।
स्ट्रोक के बाद रिकवरी कितनी संभव है?
स्ट्रोक के बाद रिकवरी की संभावना स्ट्रोक की गंभीरता और त्वरित उपचार पर निर्भर करती है; शुरुआती कुछ हफ़्तों में सबसे ज़्यादा सुधार होता है, और फिजियोथेरेपी तथा पुनर्वास के माध्यम से वर्षों तक सुधार संभव है।
स्ट्रोक से बचने के लिए मैं कौन से आहार परिवर्तन कर सकता हूँ?
स्ट्रोक से बचने के लिए कम नमक, कम वसा वाला आहार लें, खूब फल और सब्जियां खाएं, और प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों से बचें; भूमध्यसागरीय आहार (Mediterranean Diet) और DASH आहार स्ट्रोक के जोखिम को कम करने में प्रभावी साबित हुए हैं।
क्या स्ट्रोक केवल वृद्ध लोगों को ही होता है?
नहीं, स्ट्रोक किसी भी उम्र में हो सकता है, हालाँकि जोखिम उम्र के साथ बढ़ता है; लेकिन उच्च रक्तचाप, मधुमेह और धूम्रपान जैसे जोखिम कारकों के कारण युवा वयस्कों में भी स्ट्रोक के मामले बढ़ रहे हैं।
स्ट्रोक के उपचार के लिए ‘गोल्डन आवर’ क्या है?
स्ट्रोक के लिए ‘गोल्डन आवर’ वह महत्वपूर्ण समय अवधि (आमतौर पर स्ट्रोक के 3 से 4.5 घंटे बाद) होती है जब थक्का-घोलने वाली दवाएँ (tPA) सबसे प्रभावी होती हैं और मस्तिष्क को होने वाले स्थायी नुकसान को काफी कम कर सकती हैं।
आपका स्वास्थ्य, आपकी ज़िम्मेदारी
ब्रेन स्ट्रोक एक गंभीर स्वास्थ्य चुनौती है, लेकिन इसकी रोकथाम और पहचान आपके हाथों में है। ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण को पहचानना और समय पर कार्रवाई करना आपके जीवन और आपके प्रियजनों के जीवन को बचा सकता है।
अपने जोखिम कारकों को नियंत्रित करें और स्वस्थ जीवनशैली अपनाएँ। यदि आपको स्ट्रोक के कोई भी लक्षण दिखाई दें, तो तुरंत आपातकालीन सेवाओं को कॉल करें—हर मिनट मायने रखता है। राज हॉस्पिटल्स में न्यूरोलॉजी और इमरजेंसी विभाग की विशेषज्ञ टीम स्ट्रोक के निदान और उपचार के लिए चौबीसों घंटे तैयार रहती है। वे आपको ब्रेन स्ट्रोक के लक्षण से बचने के लिए मार्गदर्शन और सर्वोत्तम उपचार प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। अपनी और अपनों की सेहत का ध्यान रखें।









